ज्योतिर्मा तमस गमय

इस संसार में सारी स्थितियां अपने साथ एक नकारात्मक भाव रखती हैं। सुख है, तो दुःख भी, अमीरी के साथ गरीबी सन्निहित है। यथा ही प्रकाश के साथ अंधकार भी सतत गतिमान है। इसी सन्दर्भ में स्मरण में आते हैं अँधेरे के कवि, फ़िराक गोरखपुरी जी। फ़िराक साहब ने अपनी रचनाओं में इन्ही नकारात्मक पहलुओं … Continue reading ज्योतिर्मा तमस गमय