विश्वास नहीं होता

हमारे चेहरे से दिल के भाव पढ़ लेती हो,माँ, ये तुम खुद हो, या ख़ुदा, विश्वास नहीं होता।”लड़कों से गलतियां हो जाती हैं”,ये मुल्क की सरकार चलाते हैं, विश्वास नहीं होता।मानवी सबंधों की क्या बानगी दें ज़नाब,”ओल्ड एज होम” खुल रहे हैं कस्बों में; विश्वास नहीं होता।शायर शब्द से, पहलवान कद से, और इंसान पद … Continue reading विश्वास नहीं होता