🙏नमस्कार 🙏
अपडेटेड: 17-04-2022/00:54:00/IST
हमार नाम त्र्यम्बक श्रीवास्तव हs। हम एम्स, नई दिल्ली में पीएचडी करs तानी। हम रउआ सबके भोजपुरी भाषा में कोरोना वायरस के बारे में बतायेम।
कोरोनावायरस एगो वायरस हs जौन कोविड-19 नामक बीमारी के जन्म देले बा। अभी जब रउआ ई लेख पढ़तानी तबले लगभग पचास करोड़ उनतालीस लाख लोग ए बीमारी से ग्रसित हो गईल बा। 11 मार्च के बिश्व स्वास्थ्य संगठन ए बीमारी के पैन्डेमिक मने महामारी के श्रेणी में डाल देले बा। वैसे ही जब पुरनिया लोग कहेला कि ओ लोग के लइकाई में हैजा, चेचक, प्लेग, आदि कुल के महामारी होखो। नक्सा देख के पता चलता की ई बीमारी पूरा दुनिया में फईल गईल बा।
ए बीमारी के इतिहास:
चीन के एगो राज्य बा हुबेई, ओकर राजधानी हs वुहान। दिसम्बर 2019 में हुबेई में निमोनिया के बहुत सारा मामिला दर्ज होखे लागल जौना के कारन पता ना रहे। मरीज से वायरस निकाल के जीन सिक्वेंसिंग कईला पर पता लागल की ई एगो नाया टाइप के कोरोनावायरस हs। नाया टाइप एसे की कोरोनावायरस पाहिले से ही रहलs हs सन, जइसे की सार्स-कोवी, मर्स-कोवी। ई वायरस कोरोनावायरस परिवार के सदस्य हs बाकि कुल्हीं से अलग बा। [1]
ए बीमारी के जूनोटिक रोग में गिनती होला। मने बैक्टीरिया, वायरस, या पैरासाइट से होखे वाला बीमारी जौन गैर इन्सान से इन्सान में आवेला। ई संभावना जाहिर कईल जाला की कौनो आदमी हुआनान सीफ़ूड मार्केट, जहाँ जिन्दा जानवर भी बेचालs सन, में काम करत रहे या खाना कीने गईल रहे ओसे ई बीमारी आइल। फिर आदमी से आदमी में फइले लागल। 25 फ़रवरी ले ओ जानवर के पहचान नइखे हो पाइल। दिसम्बर 2019 ले तs ई बीमारी चीन के हुबेई में हीं सिमटल रहे बाकि चाइनीज न्यू ईयर के वजह से ई पूरा चीन में फईल गईल, जेमे चीनी यात्रा के अधिकतर ट्रैफिक वुहान से होके पास होला। [2]
चीन से बाकि बिश्व में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा और यातायात से फइलत गईल। 30 जनवरी के एके अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बतावल गईल। पूरा दुनिया में जईसे ई फइलत गईल हs, ओसे 11 मार्च के बिश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित कs दिहल गईल। [3]
एसे पहिले प्लेग (1855), स्पेनिश फ्लू (1918-1920), हैजा (1910-1911) चेचक (कई बार), टीबी, मलेरिया (1900s), आ एड्स (अभी भी) आदि के महामारी में गिनती होला। [4]
पहचान के लक्षन:
कोविड-19 के प्रमुख लक्षन बोखार, सुखल खाँसी, सुस्ती आ हाँफल हs।
लक्षन एसे बेसी भी हो सकेला। अगर अईसन कौनो लक्षन रउआ बुझाता त तुरते डाक्टर के लगे जाईं। आपना साथे वाला के भी ध्यान दीं की उनके ना होखे। भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर 1075, +91-11-23978046 पर फ़ोन करीं, आपन समस्या बताईं।
- राज्य के अनुसार फ़ोन करे खातिर इन्हां देखीं। [5]
- देखीं रउआ राज्य में कहाँ कहाँ कोविड-१९ के जाँच होला। [6]
- मैप में लोकेट करीं।
- सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन, सीडीसी, अमेरिका के स्वास्थ्य संस्था हs। एकरा वेबसाइट प कोरोना के संभावित जाँच प्रश्न उत्तर से कइल जा सकेला। [7]
- भारत सरकार आरोग्य सेतु एप्प बनईले बा, जौन संक्रमण आउर जोखिम के लेखा जोखा करे में राउर मदद करी। डाउनलोड करे खातिर इन्हां जाईं।
कईसे फैलेला?:
आदमी से आदमी:
ई कोविड-19 बीमार आदमी के एरोसोल्स, छींक/खाँसी के बूँद, या ओकरा साथे असुरक्षित संपर्क से हो सकेला। एही से बीमार आदमी से कम से कम 1 मीटर के दूरी बना के रहेक चाहीं। बीमार आदमी अपना शरीर में ई वायरस ले के घूमsता ओहिसे ओके हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड में रखsल जाला। [8]
सामान से आदमी:
एकरा अलावा कोविड-19 बीमार आदमी के छुअल सामान जईसे कपड़ा, बर्तन, धातु के राहे फईल सकेला। जहाँ बीमार आदमी छींकता/खांसता ओ जगह वायरस फइला देला। ओ जगह के छुके एगो निरोग आदमी फिर आपन नाक, मुँह, आँख यदि छुsअता जेसे ऊ वायरस बेमरुआ जगह से स्वस्थ आदमी के नाक, मुँह, या संभवतः आँख के राहे ओके संक्रमित कर देला। एसे बहुते जरुरी बा की आपन नाक, मुँह, आँख आदि मत छुईं। [8]
देखीं कहाँ केतना देर ई वायरस रह सकेला।
- एरोसोल/ छींक या खाँसी के बूँद: 3 घंटा ले
- ताम्बा: 4 घंटा ले
- कार्डबोर्ड: दिन भर/24 घंटा ले
- बरसाती/स्टेनलेस स्टील: दू से तीन दिन ले [9]
ई वायरस के इन्क्यूबेशन पीरियड 2-14 दिन हs। यानि की संक्रमित भईला के 2-14 दिन के बाद लक्षन लउक सकेला। एके समुदाईक परचार होला। [8] मने कौनो क्षेत्र के स्वस्थ लोग के भी बिना कारन जनले बीमार हो सकेला। [10]
विज्ञान के भाषा में:
वायरस के बारे में जानकारी: ए वायरस के नाम हs, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस 2, Severe Acute Respiratory Syndrome Coronavirus 2 (SARS-CoV-2)। एसे होखे वाला बीमारी के नाम बिश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 11 फरवरी 2020 के रखल गईल कोरोनावायरस डिजीज -19 Coronavirus disease (COVID-19)। [11]
वायरस के बारे में जानकारी:
ए वायरस के नाम हs, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस 2, Severe Acute Respiratory Syndrome Coronavirus 2 (SARS-CoV-2)। एसे होखे वाला बीमारी के नाम बिश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 11 फरवरी 2020 के रखल गईल कोरोनावायरस डिजीज -19 Coronavirus disease (COVID-19)। [11]
कोरोनावायरस एगो बड़ वायरस परिवार हs जौन कुल छोट मोट सर्दी-जुकाम से लेके जानलेवा बीमारी जईसे मर्स, सर्स के कारन हउव सन। एगो खोज के मुताबिक 15-30% सर्दी-जुकाम कोरोनावायरस के कारन होला। [12] लातिनी भाषा में कोरोना माने मुकुट होला, जौन ए वायरस के चारू ओर होला, जेके एन्वेलप कहल जाला। एकरा अन्दर कैप्सीड प्रोटीन रहेला जौन कोरोनावायरस के जेनेटिक मैटेरियल के समइले रहेला। कौनो जीव के सन्देश आ ओकर सारा जानकारी ओकरा जेनेटिक मैटेरियल में होला, जौन डीएनए या त आरएनए होला। इहे डीएनए या आरएनए कोशिका में प्रोटीन बनावे के सन्देश रखे ल सन।
कई तरह के प्रोटीन मिल के कोशिका के लगभग सारा काम देखे ल सन। सार्स-कोवि-2 एगो पोसिटिव सेंस सिंगल स्ट्रैंडेड आरएनए वायरस हs। ए वायरस में खाली आरएनए जीनोम होला। कोशिका में घुसला के बाद ई पहिले ऊ प्रोटीन बनावेला जौन एकर बाकि आरएनए बनावे में मदद करी। ई प्रोटीन फिर एकर बाकि सारा आरएनए बनाई। [13] मने ई समझ लीं की ई वायरसवा हमनी के एगो स्वस्थ कोशिका के फैक्ट्री बना के आपन कई गो वायरस बनावल शुरू कs दी, आ फिर ओसे निकल के बाकि कोशिकन के संक्रमित करी।
एकर जाँच:
चीन में शुरुआती संक्रमण के दौरान के रोगीन के फेफड़ा के पानी के जाँच रियल टाइम पीसीआर से कईला पर पता लागल की ई बीटा कोरोनावायरस हs। बाद में ए सैंपल के होल जीनोमिक सिक्वेंस निकालल गईल। ओकर पहिले के मौजूद सीक्वेंस से मिलान कsके ई पक्का हो गईल की ई कोरोनावायरस ही हs। अभी कोविड-19 के जाँच खातिर नाक-फेफड़ा के पानी से लैब में आरएनए निकालल जाला। ओ आरएनए से सीडीएनए बनाके रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पीसीआर (rRT-PCR) से कईल जाला। ई बहुत कामयाब तरीका हs वायरल आरएनए के पकड़े के अगर तनिको वायरल आरएनए मौजूद होई तs। [14]
एपिडेमियोलॉजी:
बिश्व स्वास्थ्य संगठन के ताजा आंकड़ा आ जॉन होपकिंस विश्वविद्यालय, बाल्टिमोर, अमेरिका के अनुसार कोविड-19 के मृत्यु दर विश्व में 1.23% आउर भारत में 1.21% बाS। [15] अभी ले एकरा वजह से दुनिया भर में लगभग बासठ लाख लोग मर गईल बा। [16] शुरुआत में तs ई अधितकर चीन में हीs रहे, बाकि अभी 26 फ़रवरी से बाकि देसन में चीन से बेसी हो गईल बा। अमेरिका, भारत, ब्राजील, रूस, इटली, स्पेन, जर्मनी, फ़्रांस, ईरान आदि में एकर बहुत ढेर मामिला दर्ज भईल बा। लगभग पचास करोड़ उनतालीस लाख लोग दुनिया भर में आ भारत में लगभग चार करोड़ लोग तीस लाख लोग बीमार भइल बा। अमेरिका, इटली, स्पेन, जर्मनी, फ़्रांस, यूनाइटेड किंगडम, तुर्की, ईरान, रूस, ब्राज़ील, भारत, पेरू, और कनाडा आदि देसन में चीन से बेसी रोगी हो गईल बांड़े। अभी भारत बीमार लोगन के संख्या चीन से बेसिये नइखे भइल बाकिर अमेरिका के बाद सबसे अधिक कोरोना मरीज वाला देस हो गइल बा।
हई मैप देखीं एकर केतना भयंकर प्रकोप भईल बाs। [17]
ई देखीं इहाँ भारत में ई कईसे फइलल बा।
बचाव के उपाय:
- आपन हाथ साबुन से अच्छा से धोईं। बार बार धोईं।
- पीड़ित व्यक्ति/संभावित व्यक्ति के लगे मास्क पहिन के रहीं।
- दूसरा लोग से लमहरे रहीं। आपन आँख, नाक, कान, मुँह छुए से बचीं।
- अगर छींक आवsता तs अपना केंहुनी में छींकी। बाहर फईलला से रोकीं।
- अपना बच्चा, बुढ-पुरनिया के खयाल रखीं।
- कौनो साँस से जुड़ल समस्या भईला पर डॉक्टर से मिलीं। [18]
मास्क:
भारत सरकार घर से बाहर निकलला पर मास्क पहिरे के निहोरा कईले बा। बनावे आ प्रयोग के तरीका जाने खाति इन्हाँ देखीं।
अगर रउआ स्वस्थ बानी त मास्क के कौनो जरुरत नइखे। जरूर पहिनी जब:
- संभावित कोविड-19 रोगी के खयाल रखतानी।
- खाँसी/छींक आवता।
- मास्क पहिनला के पाहिले आ बाद में हाथ अच्छा से धोईं।
- मास्क के अगिला हिस्सा मत छुईं।
- एक बार पहिरे वाला मास्क के बार बार मत पहिनीं। ओके बंद ढक्कन वाला कूड़ादान में फेकीं। [19]
निदान के स्थिति:
अभी कोरोनावायरस के खिलाफ कई गो वैक्सीन आ गईल बा। आपन बारी अइला पर वैक्सीन जरूर लीं। अधिकतर लोग अस्पताल में सपोर्टिव केयर से रिकवर हो जाता। बिश्व स्वास्थ्य संगठन वैक्सीन आ दवाई के खोज करे वाला वैज्ञानिक लोग के साथे जुड़ल बा। कुछ और दवाई के क्लिनिकल ट्रायल (कुछ लोग पर टेस्टिंग) भी चालू हो गईल बा।
एंटीबायोटिक लेला से ई ठीक ना होई। एंटीबायोटिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन खातिर होला। ई बीमारी वायरस से फईलेला। [8] 23 मार्च के भारत सरकार हाइड्रोक्सी-क्लोरोकिन के प्रयोग करे के समर्थन कईले रहे। लेकिन एकर प्रयोग डॉक्टर के लिखला पर ही कईल जा सकेला। हाइड्रोक्सी-क्लोरोकिन लैब में कोरोनावायरस के खिलाफ कारगर साबित भईल बा। [20]
जरुरी जानकारी:
- जौनो सरकारी दिशा-निर्देश जारी होता, छोट या बढ़, उ रउआ फ़ायदा खातिर ही जारी भईल बा। ओकर पालन करीं।
- घरे रहीं, सुरक्षित रहीं।
देखी कईसे घरे रहिके/सोशल डिस्टैन्सिंग कर के रउआ ए वायरस के फईले से रोक सकेनी।
- कौनो गैर- अधिकारिक जानकारी के बिना ओकर स्त्रोत के जाँच पड़ताल कईले मत विश्वास करीं।
- बिश्व स्वास्थ्य संगठन एगो व्हाट्सएप्प नंबर जारी कइले बा, जेपर मैसेज कsके रउआ जानकारी पा सकीले। हे नंबर पर संपर्क करीं: +41-79-893-1892 [21]
- भारत सरकार भी एगो व्हाट्सएप्प नंबर जारी कइले बा, इन्हाँ देखीं।
Sharing correct information, avoiding incorrect panic.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 21, 2020
Here is an effort by WhatsApp and @mygovindia to ensure you receive accurate and verified information on Coronavirus.
Please click on this link https://t.co/REabfIp5QT or send Hi on +919013151515. #IndiaFightsCorona pic.twitter.com/0maqUE3PvG
अब त अनलॉक भी शुरू हो गइल बा, एकर मतलब ई न भइल की बाहर बेवजह घुमत रहीं। याद रखीं कोरोना ख़तम नइखे भइल। सावधानी बरतल बहुत जरुरी बा। मास्क पहिनले रहीं आ पर्याप्त दुरी बना के रहीं एक दूसरा से।
काम के वेबसाइट:
- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वेबसाइट जहाँ भारत के कोविड-१९ के मरीज आ एसे जुड़ल जानकारी मिली।
- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद, नई दिल्ली
- बिश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वेबसाइट
- भ्रम और भ्रान्ति
- जॉन होपकिंस विश्वविद्यालय, बाल्टिमोर, अमेरिका के वैज्ञानिक एगो इंटरैक्टिव वेबसाइट बनइले बालो जहाँ वर्तमान समय में कोविड-१९ के केस देखल जा सकेला।
- अगर मोबाइल फ़ोन में देखातानी त हे लिंक के खोलीं:
- अगर लैपटॉप/कंप्यूटर में देखतानी तs
- हाथ कईसे धोवे के बा एकरा जानकारी खातिर इन्हाँ देखीं.
पढ़ीं और आगे पठाईं। अगर रउआ कौनो प्रश्न बा त हमके लिखीं: query@tryambak.net
इहो बीत जाई।
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।
फूटनोट्स:
- https://www.who.int/china/news/detail/09-01-2020-who-statement-regarding-cluster-of-pneumonia-cases-in-wuhan-china
- https://www.who.int/docs/default-source/coronaviruse/who-china-joint-mission-on-covid-19-final-report.pdf
- https://www.who.int/dg/speeches/detail/who-director-general-s-opening-remarks-at-the-media-briefing-on-covid-19—11-march-2020
- https://www.verywellhealth.com/difference-between-epidemic-and-pandemic-2615168
- https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf
- https://icmr.nic.in/sites/default/files/upload_documents/Final_Government_Laboratories_Testing_2303.pdf
- https://www.cdc.gov/coronavirus/2019-ncov/symptoms-testing/symptoms.html
- https://www.who.int/news-room/q-a-detail/q-a-coronaviruses
- https://www.nih.gov/news-events/news-releases/new-coronavirus-stable-hours-surfaces
- https://www.cdc.gov/coronavirus/2019-ncov/prepare/transmission.html
- https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/technical-guidance/naming-the-coronavirus-disease-(covid-2019)-and-the-virus-that-causes-it
- https://jvi.asm.org/content/86/14/7577
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4369385/
- https://www.sciencemag.org/news/2020/03/standard-coronavirus-test-if-available-works-well-can-new-diagnostics-help-pandemic
- https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/situation-reports
- https://www.who.int/docs/default-source/coronaviruse/situation-reports/20200323-sitrep-63-covid-19.pdf?sfvrsn=d97cb6dd_2
- https://en.wikipedia.org/wiki/2019%E2%80%9320_coronavirus_pandemic#/media/File:COVID-19_Outbreak_World_Map_per_Capita.svg
- https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/advice-for-public
- https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/advice-for-public/when-and-how-to-use-masks
- https://www.mohfw.gov.in/pdf/AdvisoryontheuseofHydroxychloroquinasprophylaxisforSARSCoV2infection.pdf
- https://www.who.int/news-room/feature-stories/detail/who-health-alert-brings-covid-19-facts-to-billions-via-whatsapp
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